हम तो मज़ाक मे भी किसी को दर्द देने से डरते है  ना जाने लोग कैसे सोच समझ कर दिलों से खेल जाते है| - Anjaam Shayari

हम तो मज़ाक मे भी किसी को दर्द देने से डरते है ना जाने लोग कैसे सोच समझ कर दिलों से खेल जाते है|

Anjaam Shayari