आने लगा हयात को अंजाम का ख्याल, जब आरजुएं फैल-कर इक दाम बन गयीं। - Anjaam Shayari

आने लगा हयात को अंजाम का ख्याल, जब आरजुएं फैल-कर इक दाम बन गयीं।

Anjaam Shayari