ज़माना बड़े शौक़ से सुन रहा था हमीं सो गए दास्ताँ कहते कहते ! - Achanak Shayari

ज़माना बड़े शौक़ से सुन रहा था हमीं सो गए दास्ताँ कहते कहते !

Achanak Shayari