अगर इत्तेफ़ाक़ होता तो ये क्यूँ नहीं होता, किसी मोड़ पर अचानक मिल जाएं हम दोनों। - Achanak Shayari

अगर इत्तेफ़ाक़ होता तो ये क्यूँ नहीं होता, किसी मोड़ पर अचानक मिल जाएं हम दोनों।

Achanak Shayari