किस मुँह से हाथ उठाएँ फ़लक की तरफ़ 'ज़हीर' मायूस है असर से दुआ और दुआ से हम। - Asar Shayari

किस मुँह से हाथ उठाएँ फ़लक की तरफ़ 'ज़हीर' मायूस है असर से दुआ और दुआ से हम।

Asar Shayari