जो जीवन में दूसरों के प्रति न अपने अधिकार मानता है, न कर्तव्य, वह पशु है। - Adhikaar Shayari

जो जीवन में दूसरों के प्रति न अपने अधिकार मानता है, न कर्तव्य, वह पशु है।

Adhikaar Shayari