में छोड़ तो सकता हूँ लेकिन छोड़ नहीं पाता उसे, वो मेरी बिगड़ी हुई आदत की तरह है। - Aadat Shayari

में छोड़ तो सकता हूँ लेकिन छोड़ नहीं पाता उसे, वो मेरी बिगड़ी हुई आदत की तरह है।

Aadat Shayari