छोड़ दूँ उसको भला मैं किस तरह से वो मोहब्ब़त है मिरी, आदत नहीं है - Aadat Shayari

छोड़ दूँ उसको भला मैं किस तरह से वो मोहब्ब़त है मिरी, आदत नहीं है

Aadat Shayari