उस बेवफ़ा का करते हो तुम ज़िक्र बार बार आदत 'सईद' है ये तुम्हारी बहुत बुरी - Aadat Shayari

उस बेवफ़ा का करते हो तुम ज़िक्र बार बार आदत 'सईद' है ये तुम्हारी बहुत बुरी

Aadat Shayari