ये काम दोनों तरफ हुआ है उसे भी आदत पड़ी है मेरी

ये काम दोनों तरफ हुआ है उसे भी आदत पड़ी है मेरी

Aadat Shayari

यह आदत भी ना कितनी जल्दी हो जाती है, पर छोड़ने का वक्त आता है तो आसानी से छूटती नहीं।

यह आदत भी ना कितनी जल्दी हो जाती है, पर छोड़ने का वक्त आता है तो आसानी से छूटती नहीं।

तुझ से बिछड़ा तो मर न जाऊं कहीं तू मुहब्बत नहीं है, आदत है

तुझ से बिछड़ा तो मर न जाऊं कहीं तू मुहब्बत नहीं है, आदत है

 अपनी जिंदगी में किसी इंसान को, अपनी आदत न बनाना, क्‍योंकि जब वो बदलता है, तो उससे ज्‍यादा खुद पर गुस्‍सा आता है।

अपनी जिंदगी में किसी इंसान को, अपनी आदत न बनाना, क्‍योंकि जब वो बदलता है, तो उससे ज्‍यादा खुद पर गुस्‍सा आता है।

 किसी की आदत हो जाना, मोहब्बत हो जाने से भी ज्यादा खतरनाक है।

किसी की आदत हो जाना, मोहब्बत हो जाने से भी ज्यादा खतरनाक है।

 बड़ी तब्दीलियां लाया हूँ, मैं अपने आप में लेकिन, बस तुमको याद करने की, वो आदत अब भी बाकी है।

बड़ी तब्दीलियां लाया हूँ, मैं अपने आप में लेकिन, बस तुमको याद करने की, वो आदत अब भी बाकी है।

सबसे हँसकर मिलना उसकी आदत थी मुझको लगता था मेरी दीवानी है

सबसे हँसकर मिलना उसकी आदत थी मुझको लगता था मेरी दीवानी है

 अजब शायर की आदत है कि जब बीड़ी जलाने को किसी से माँगी माचिस तो जला कर जेब में रख ली!

अजब शायर की आदत है कि जब बीड़ी जलाने को किसी से माँगी माचिस तो जला कर जेब में रख ली!

सिगरेट जैसी एक आदत मान बैठा हूँ तुम्हें ये भी मुझे मालूम है आदत नहीं अच्छी मेरी

सिगरेट जैसी एक आदत मान बैठा हूँ तुम्हें ये भी मुझे मालूम है आदत नहीं अच्छी मेरी

 मुझे तन्हाई की आदत है मेरी बात छोड़ें ये लीजे आप का घर आ गया है हाथ छोड़ें ।

मुझे तन्हाई की आदत है मेरी बात छोड़ें ये लीजे आप का घर आ गया है हाथ छोड़ें ।

मैं क्या कहूँ के मुझे सब्र क्यूँ नहीं आता मैं क्या करूँ के तुझे देखने की आदत है

मैं क्या कहूँ के मुझे सब्र क्यूँ नहीं आता मैं क्या करूँ के तुझे देखने की आदत है

एक आदत सी बन गई है तू और आदत कभी नहीं जाती

एक आदत सी बन गई है तू और आदत कभी नहीं जाती

किस तरह करे खुद को तेरे प्यार के क़ाबिल हम, हम अपनी आदतें बदलते है तो तुम शर्ते बदल देते हो।

किस तरह करे खुद को तेरे प्यार के क़ाबिल हम, हम अपनी आदतें बदलते है तो तुम शर्ते बदल देते हो।

अपनी आदत कि सब से सब कह दें शहर का है मिज़ाज सन्नाटा!

अपनी आदत कि सब से सब कह दें शहर का है मिज़ाज सन्नाटा!

 आदत मेरी अंधेरों से डरने की डाल कर, एक शख्स मेरी जिंदगी को रात कर गया।

आदत मेरी अंधेरों से डरने की डाल कर, एक शख्स मेरी जिंदगी को रात कर गया।

अपनी इस आदत पे ही इक रोज़ मारे जाएँगे कोई दर खोले न खोले हम पुकारे जाएँगे!

अपनी इस आदत पे ही इक रोज़ मारे जाएँगे कोई दर खोले न खोले हम पुकारे जाएँगे!

लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने में तुम तरस नहीं खाते बस्तियां जलाने में!

लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने में तुम तरस नहीं खाते बस्तियां जलाने में!

हर तरफ़ आग है और आग लगाने वाले लगता है बुझ गए लोग आग बुझाने वाले

हर तरफ़ आग है और आग लगाने वाले लगता है बुझ गए लोग आग बुझाने वाले

 ये बात जान के हैरत नहीं हुई मुझको, की मेरी आग से रोशन रहा सितारा मेरा।

ये बात जान के हैरत नहीं हुई मुझको, की मेरी आग से रोशन रहा सितारा मेरा।