किस तरह करे खुद को तेरे प्यार के क़ाबिल हम, हम अपनी आदतें बदलते है तो तुम शर्ते बदल देते हो।

किस तरह करे खुद को तेरे प्यार के क़ाबिल हम, हम अपनी आदतें बदलते है तो तुम शर्ते बदल देते हो।

Aadat Shayari

 किसी की आदत हो जाना, मोहब्बत हो जाने से भी ज्यादा खतरनाक है।

किसी की आदत हो जाना, मोहब्बत हो जाने से भी ज्यादा खतरनाक है।

 बड़ी तब्दीलियां लाया हूँ, मैं अपने आप में लेकिन, बस तुमको याद करने की, वो आदत अब भी बाकी है।

बड़ी तब्दीलियां लाया हूँ, मैं अपने आप में लेकिन, बस तुमको याद करने की, वो आदत अब भी बाकी है।

सबसे हँसकर मिलना उसकी आदत थी मुझको लगता था मेरी दीवानी है

सबसे हँसकर मिलना उसकी आदत थी मुझको लगता था मेरी दीवानी है

 अजब शायर की आदत है कि जब बीड़ी जलाने को किसी से माँगी माचिस तो जला कर जेब में रख ली!

अजब शायर की आदत है कि जब बीड़ी जलाने को किसी से माँगी माचिस तो जला कर जेब में रख ली!

सिगरेट जैसी एक आदत मान बैठा हूँ तुम्हें ये भी मुझे मालूम है आदत नहीं अच्छी मेरी

सिगरेट जैसी एक आदत मान बैठा हूँ तुम्हें ये भी मुझे मालूम है आदत नहीं अच्छी मेरी

 मुझे तन्हाई की आदत है मेरी बात छोड़ें ये लीजे आप का घर आ गया है हाथ छोड़ें ।

मुझे तन्हाई की आदत है मेरी बात छोड़ें ये लीजे आप का घर आ गया है हाथ छोड़ें ।

ये काम दोनों तरफ हुआ है उसे भी आदत पड़ी है मेरी

ये काम दोनों तरफ हुआ है उसे भी आदत पड़ी है मेरी

मैं क्या कहूँ के मुझे सब्र क्यूँ नहीं आता मैं क्या करूँ के तुझे देखने की आदत है

मैं क्या कहूँ के मुझे सब्र क्यूँ नहीं आता मैं क्या करूँ के तुझे देखने की आदत है

एक आदत सी बन गई है तू और आदत कभी नहीं जाती

एक आदत सी बन गई है तू और आदत कभी नहीं जाती

अपनी आदत कि सब से सब कह दें शहर का है मिज़ाज सन्नाटा!

अपनी आदत कि सब से सब कह दें शहर का है मिज़ाज सन्नाटा!

 आदत मेरी अंधेरों से डरने की डाल कर, एक शख्स मेरी जिंदगी को रात कर गया।

आदत मेरी अंधेरों से डरने की डाल कर, एक शख्स मेरी जिंदगी को रात कर गया।

अपनी इस आदत पे ही इक रोज़ मारे जाएँगे कोई दर खोले न खोले हम पुकारे जाएँगे!

अपनी इस आदत पे ही इक रोज़ मारे जाएँगे कोई दर खोले न खोले हम पुकारे जाएँगे!

लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने में तुम तरस नहीं खाते बस्तियां जलाने में!

लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने में तुम तरस नहीं खाते बस्तियां जलाने में!

हर तरफ़ आग है और आग लगाने वाले लगता है बुझ गए लोग आग बुझाने वाले

हर तरफ़ आग है और आग लगाने वाले लगता है बुझ गए लोग आग बुझाने वाले

 ये बात जान के हैरत नहीं हुई मुझको, की मेरी आग से रोशन रहा सितारा मेरा।

ये बात जान के हैरत नहीं हुई मुझको, की मेरी आग से रोशन रहा सितारा मेरा।

इश्क़ का मो'जिज़ा बताऊँ मैं आग बारिश की तरह लगती है

इश्क़ का मो'जिज़ा बताऊँ मैं आग बारिश की तरह लगती है

वो आग, हवा, संत की बानी की तरह है काटोगे उसे कैसे जो पानी की तरह है

वो आग, हवा, संत की बानी की तरह है काटोगे उसे कैसे जो पानी की तरह है

 हमारी नफरतों की आग में सब कुछ न जल जाये, की इस बस्ती में हम दोनों को आइंदा भी रहना है!

हमारी नफरतों की आग में सब कुछ न जल जाये, की इस बस्ती में हम दोनों को आइंदा भी रहना है!