झुलसा बदन है देख के नफरत न कीजिये, मैं दूसरों की आग बुझाने में जल गया।

झुलसा बदन है देख के नफरत न कीजिये, मैं दूसरों की आग बुझाने में जल गया।

Aag Shayari

 आग का क्या है पल दो पल में लगती है बुझते बुझते एक ज़माना लगता है!

आग का क्या है पल दो पल में लगती है बुझते बुझते एक ज़माना लगता है!

पेड़ का दुख तो कोई पूछने वाला ही न था अपनी ही आग में जलता हुआ साया देखा!

पेड़ का दुख तो कोई पूछने वाला ही न था अपनी ही आग में जलता हुआ साया देखा!

दिल के फफोले जल उठे सीने के दाग से, इस घर को आग लग गई घर के चिराग से।

दिल के फफोले जल उठे सीने के दाग से, इस घर को आग लग गई घर के चिराग से।

आग कोई हो कहीं भी कोई शोला भड़के जब भी जलते हैं गरीबों के ही घर जलते हैं!

आग कोई हो कहीं भी कोई शोला भड़के जब भी जलते हैं गरीबों के ही घर जलते हैं!

 मैं ज़िन्दगी की आग में जलने से बच गया, हाथो में आ गया तेरे दामन किसी तरह।

मैं ज़िन्दगी की आग में जलने से बच गया, हाथो में आ गया तेरे दामन किसी तरह।

वो जो आग बने फिरते थे, उन्हें भी ख़ाक होते देखा है मैंने।

वो जो आग बने फिरते थे, उन्हें भी ख़ाक होते देखा है मैंने।

समझ के आग लगाना हमारे घर में तुम, हमारे घर के बराबर तुम्हारा भी घर है ।

समझ के आग लगाना हमारे घर में तुम, हमारे घर के बराबर तुम्हारा भी घर है ।

 आज खुद को आग लगा दी है, देखूँ तो जरा कौन पानी कौन घी है।

आज खुद को आग लगा दी है, देखूँ तो जरा कौन पानी कौन घी है।

आग लगाई तुम ने ही तो, लोगों ने तो सिर्फ़ हवा दी!

आग लगाई तुम ने ही तो, लोगों ने तो सिर्फ़ हवा दी!

 इश्क़ को कोई छुपा सकता नहीं आग लगती है उठता है धुंआ।

इश्क़ को कोई छुपा सकता नहीं आग लगती है उठता है धुंआ।

ये इश्क़ नहीं आसान बस इतना समझ लीजिये, इक आग का दरिया है और डूब के जाना है!

ये इश्क़ नहीं आसान बस इतना समझ लीजिये, इक आग का दरिया है और डूब के जाना है!

चूमकर तुम्हारे लबों को पता चला, आग और पानी का साथ कैसा होता हैं।

चूमकर तुम्हारे लबों को पता चला, आग और पानी का साथ कैसा होता हैं।

यूँ जो तकता है आसमान को तू कोई रहता है आसमान में क्या !

यूँ जो तकता है आसमान को तू कोई रहता है आसमान में क्या !

उक़ाबी रूह जब बेदार होती है जवानों में नज़र आती है उन को अपनी मंज़िल आसमानों में

उक़ाबी रूह जब बेदार होती है जवानों में नज़र आती है उन को अपनी मंज़िल आसमानों में

ख़ाक हो जाएगी ज़मीन इक दिन आसमानों की आसमानी में।

ख़ाक हो जाएगी ज़मीन इक दिन आसमानों की आसमानी में।

मुझे आसमान को छूने का कोई गम नहीं,आपका दिल छूना आसमान छूने से कम नहीं।

मुझे आसमान को छूने का कोई गम नहीं,आपका दिल छूना आसमान छूने से कम नहीं।

आसमाँ भर गया परिंदों से पेड़ कोई हरा गिरा होगा!

आसमाँ भर गया परिंदों से पेड़ कोई हरा गिरा होगा!

जितनी बंटनी थी बट चुकी ये ज़मीं, अब तो बस आसमान बाक़ी है

जितनी बंटनी थी बट चुकी ये ज़मीं, अब तो बस आसमान बाक़ी है