झुलसा बदन है देख के नफरत न कीजिये, मैं दूसरों की आग बुझाने में जल गया। - Aag Shayari

झुलसा बदन है देख के नफरत न कीजिये, मैं दूसरों की आग बुझाने में जल गया।

Aag Shayari