ज़मीं के ताल सब सूखे पड़े हैं परिंदे आसमाँ-दर-आसमाँ हैं । - Aasman Shayari

ज़मीं के ताल सब सूखे पड़े हैं परिंदे आसमाँ-दर-आसमाँ हैं ।

Aasman Shayari