ये और बात की आँधी हमारे बस में नहीं. मगर चराग़ जलाना तो इख़्तियार में है! - Aandhi Shayari

ये और बात की आँधी हमारे बस में नहीं. मगर चराग़ जलाना तो इख़्तियार में है!

Aandhi Shayari