कभी पत्ते कभी तिनके कभी खुश्बू उड़ा लाई, हमारे पास तो आँधी भी कभी तन्हा नहीं आई।
सफलता पाने के लिए जेब में गाँधी हो या ना हो, लेकिन दिल में आंधी जरूर होना चाहिए।
यादों की आंधी में उड़ने से जो, खुश होते हैं, वो अपनी ही पहचान खो देते हैं।
खूब हौसला बढ़ाया आँधियों ने धूल का, मगर दो बूँद बारिश ने औकात बता दी।
रेत के टीले सी है ज़िंदगी वक़्त की आंधी, ज़र्रा ज़र्रा उड़ाकर ले जा रही है।
कल रात की आंधी से मेरे गांव में कुछ शजर गिरा है मगर अफ़सोस ना जाने कितने परिन्दों का घर गिरा है उड़ गया जिनके घर का छप्पर आंधी के कहर से उनसे ना पूछ लेना की रात कैसे गुजरा हैं।
मैं तो टूटा हूँ अपनी ख़ुद की गलतियों के वज़ह से वरना इन आँधी -तूफानों की इतनी कहाँ औकात कि यह एक पहाड़ को हिला भी सकें।
मोहब्बत की आंधी में बह जाओगे मोहब्बत ना करना बेमौत मर जाओगे।
जैसे ही उसने मुझे चूमा, मैं बस इतना कर सकता था कि मैं एक आंधी के बीच में भी जिंदा जल रहा था।
ऐ इश्क बड़ा गुमान था अपने आप पर तुझे एक शक आंधी चली और तू नेस्तनाबूद हो गया।
जज्बातों की आंधी चली सच की डायरी पर झूठ के पन्ने लौटे।
गुस्से और आंधी से होने का नुकसान, इनके थम जाने के बाद नजर आता है।
आंधियां तू मुझे कुबुल हैं तेरी ठोकरों से बने इन्सान आज भी मशहूर हैं।
ये और बात की आँधी हमारे बस में नहीं. मगर चराग़ जलाना तो इख़्तियार में है!
आँधी क़ुदरत की हो या हो वक़्त की तबाह इंसान ही होता हैं।
कोई तो मोहब्बत की आंधी चलाओ यारों जो जिसकी है उससे मिलाओ यारों।
आँधियाँ हसरत से अपना सर पटकती रहीं, बच गए वो पेड़ जिनमें हुनर लचकने का था।
प्यार के दो हसीन पल बीत गए अब दर्द की आंधी आनी है।
आँधियाँ हसरत से अपना सर पटकती रहीं, बच गए वो पेड़ जिनमें हुनर लचकने का था।
बह जाते हैं इन आंधियों में तुम्हारी यादों का सहारा लेकर व्याकुल मन को इन्हें छूने की एक तलब सी रहती है।
आंधी ने तोड़ दी हैं दरख्तों की टहनियां कैसे कटेगी रात परिंदे उदास हैं।
आंधियों से कहो औकात में रहें, यहाँ जरा सा तार हिल जाने से बिज़ली चली जाती है।