आंधियां तू मुझे कुबुल हैं तेरी ठोकरों से बने इन्सान आज भी मशहूर हैं। - Aandhi Shayari

आंधियां तू मुझे कुबुल हैं तेरी ठोकरों से बने इन्सान आज भी मशहूर हैं।

Aandhi Shayari