कोई तो मोहब्बत की आंधी चलाओ यारों जो जिसकी है उससे मिलाओ यारों।
आँधी क़ुदरत की हो या हो वक़्त की तबाह इंसान ही होता हैं।
ये और बात की आँधी हमारे बस में नहीं. मगर चराग़ जलाना तो इख़्तियार में है!
आंधियां तू मुझे कुबुल हैं तेरी ठोकरों से बने इन्सान आज भी मशहूर हैं।
गुस्से और आंधी से होने का नुकसान, इनके थम जाने के बाद नजर आता है।
जज्बातों की आंधी चली सच की डायरी पर झूठ के पन्ने लौटे।
ऐ इश्क बड़ा गुमान था अपने आप पर तुझे एक शक आंधी चली और तू नेस्तनाबूद हो गया।
जैसे ही उसने मुझे चूमा, मैं बस इतना कर सकता था कि मैं एक आंधी के बीच में भी जिंदा जल रहा था।
मोहब्बत की आंधी में बह जाओगे मोहब्बत ना करना बेमौत मर जाओगे।
कल रात की आंधी से मेरे गांव में कुछ शजर गिरा है मगर अफ़सोस ना जाने कितने परिन्दों का घर गिरा है उड़ गया जिनके घर का छप्पर आंधी के कहर से उनसे ना पूछ लेना की रात कैसे गुजरा हैं।
रेत के टीले सी है ज़िंदगी वक़्त की आंधी, ज़र्रा ज़र्रा उड़ाकर ले जा रही है।
खूब हौसला बढ़ाया आँधियों ने धूल का, मगर दो बूँद बारिश ने औकात बता दी।
यादों की आंधी में उड़ने से जो, खुश होते हैं, वो अपनी ही पहचान खो देते हैं।
सफलता पाने के लिए जेब में गाँधी हो या ना हो, लेकिन दिल में आंधी जरूर होना चाहिए।
कभी पत्ते कभी तिनके कभी खुश्बू उड़ा लाई, हमारे पास तो आँधी भी कभी तन्हा नहीं आई।
क़िस्सा-ए-आदम में एक और ही वहदत पैदा कर ली है, मैंने अपने अंदर अपनी औरत पैदा कर ली है
आदमी तू बड़ी नेमत है इक औरत को मगर ज़िन्दगी जीने की ख़ातिर तेरी दरकार नहीं!
औरत को भी हमवार करने के लिए, तुम कैसे कैसे जतन करते हो!