गुलनार देखती हैं ये मज़दूर औरतें, मेहनत पे अपने पेट से मजबूर औरतें! - Aurat Shayari

गुलनार देखती हैं ये मज़दूर औरतें, मेहनत पे अपने पेट से मजबूर औरतें!

Aurat Shayari