कौन बदन से आगे देखे औरत को, सब की आंखें गिरवी हैं इस नगरी में।

कौन बदन से आगे देखे औरत को, सब की आंखें गिरवी हैं इस नगरी में।

Aurat Shayari

यादों की आंधी में उड़ने से जो, खुश होते हैं, वो अपनी ही पहचान खो देते हैं।

यादों की आंधी में उड़ने से जो, खुश होते हैं, वो अपनी ही पहचान खो देते हैं।

सफलता पाने के लिए जेब में गाँधी हो या ना हो, लेकिन दिल में आंधी जरूर होना चाहिए।

सफलता पाने के लिए जेब में गाँधी हो या ना हो, लेकिन दिल में आंधी जरूर होना चाहिए।

कभी पत्ते कभी तिनके कभी खुश्बू उड़ा लाई, हमारे पास तो आँधी भी कभी तन्हा नहीं आई।

कभी पत्ते कभी तिनके कभी खुश्बू उड़ा लाई, हमारे पास तो आँधी भी कभी तन्हा नहीं आई।

क़िस्सा-ए-आदम में एक और ही वहदत पैदा कर ली है, मैंने अपने अंदर अपनी औरत पैदा कर ली है

क़िस्सा-ए-आदम में एक और ही वहदत पैदा कर ली है, मैंने अपने अंदर अपनी औरत पैदा कर ली है

आदमी तू बड़ी नेमत है इक औरत को मगर ज़िन्दगी जीने की ख़ातिर तेरी दरकार नहीं!

आदमी तू बड़ी नेमत है इक औरत को मगर ज़िन्दगी जीने की ख़ातिर तेरी दरकार नहीं!

 औरत को भी हमवार करने के लिए, तुम कैसे कैसे जतन करते हो!

औरत को भी हमवार करने के लिए, तुम कैसे कैसे जतन करते हो!

गुलनार देखती हैं ये मज़दूर औरतें, मेहनत पे अपने पेट से मजबूर औरतें!

गुलनार देखती हैं ये मज़दूर औरतें, मेहनत पे अपने पेट से मजबूर औरतें!

 इश्क़ इंसान में औरत को जगा देता है, लोग हो जाते हैं शादाब समझ लो लड़की!

इश्क़ इंसान में औरत को जगा देता है, लोग हो जाते हैं शादाब समझ लो लड़की!

अभी रौशन हुआ जाता है रस्ता, अभी रौशन हुआ जाता है रस्ता, वो देखो एक औरत आ रही है ।

अभी रौशन हुआ जाता है रस्ता, अभी रौशन हुआ जाता है रस्ता, वो देखो एक औरत आ रही है ।

ऐसी खुदा की रहमत नहीं देखी मैने, माँ से अच्छी कोई औरत नहीं देखी मैने।

ऐसी खुदा की रहमत नहीं देखी मैने, माँ से अच्छी कोई औरत नहीं देखी मैने।

दौलत के लिए जब औरत की इस्मत को न बेचा जाएगा, चाहत को न कुचला जाएगा ग़ैरत को न बेचा जाएगा।

दौलत के लिए जब औरत की इस्मत को न बेचा जाएगा, चाहत को न कुचला जाएगा ग़ैरत को न बेचा जाएगा।

औरत के लिए कोई व्रत नहीं रखता, फिर भी लंबी उम्र जी लेती है, प्रेम करती है राधा की तरह, और मीरा की तरह विष भी पी लेती है!

औरत के लिए कोई व्रत नहीं रखता, फिर भी लंबी उम्र जी लेती है, प्रेम करती है राधा की तरह, और मीरा की तरह विष भी पी लेती है!

वरना तो ये दीवार-ओ-दर लगता है तुम होती हो घर में तो घर लगता है

वरना तो ये दीवार-ओ-दर लगता है तुम होती हो घर में तो घर लगता है

 औरतें काम पे निकली थीं बदन घर रख कर, जिस्म ख़ाली जो नज़र आए तो मर्द आ बैठे!

औरतें काम पे निकली थीं बदन घर रख कर, जिस्म ख़ाली जो नज़र आए तो मर्द आ बैठे!

होते है जिनसे रौशन, सभी दुनिया के चिराग, जलाती है जिसे औरत, खुद को जलाने के बाद, उस रौशनी से रोशन, फिर होती है कायनात।

होते है जिनसे रौशन, सभी दुनिया के चिराग, जलाती है जिसे औरत, खुद को जलाने के बाद, उस रौशनी से रोशन, फिर होती है कायनात।

 ये औरतों में तवाइफ़ तो ढूँड लेते हैं, तवाइफ़ों में इन्हें औरतें नहीं मिलतीं!

ये औरतों में तवाइफ़ तो ढूँड लेते हैं, तवाइफ़ों में इन्हें औरतें नहीं मिलतीं!

यहाँ की औरतों को इल्म की परवा नहीं बे-शक, मगर ये शौहरों से अपने बे-परवा नहीं होतीं ।

यहाँ की औरतों को इल्म की परवा नहीं बे-शक, मगर ये शौहरों से अपने बे-परवा नहीं होतीं ।

 औरत को समझता था जो मर्दों का खिलौना, उस शख़्स को दामाद भी वैसा ही मिला है!

औरत को समझता था जो मर्दों का खिलौना, उस शख़्स को दामाद भी वैसा ही मिला है!