कौन बदन से आगे देखे औरत को, सब की आंखें गिरवी हैं इस नगरी में। - Aurat Shayari

कौन बदन से आगे देखे औरत को, सब की आंखें गिरवी हैं इस नगरी में।

Aurat Shayari