औरत को समझता था जो मर्दों का खिलौना, उस शख़्स को दामाद भी वैसा ही मिला है!

औरत को समझता था जो मर्दों का खिलौना, उस शख़्स को दामाद भी वैसा ही मिला है!

Aurat Shayari

 कौन बदन से आगे देखे औरत को, सब की आंखें गिरवी हैं इस नगरी में।

कौन बदन से आगे देखे औरत को, सब की आंखें गिरवी हैं इस नगरी में।

ऐसी खुदा की रहमत नहीं देखी मैने, माँ से अच्छी कोई औरत नहीं देखी मैने।

ऐसी खुदा की रहमत नहीं देखी मैने, माँ से अच्छी कोई औरत नहीं देखी मैने।

दौलत के लिए जब औरत की इस्मत को न बेचा जाएगा, चाहत को न कुचला जाएगा ग़ैरत को न बेचा जाएगा।

दौलत के लिए जब औरत की इस्मत को न बेचा जाएगा, चाहत को न कुचला जाएगा ग़ैरत को न बेचा जाएगा।

औरत के लिए कोई व्रत नहीं रखता, फिर भी लंबी उम्र जी लेती है, प्रेम करती है राधा की तरह, और मीरा की तरह विष भी पी लेती है!

औरत के लिए कोई व्रत नहीं रखता, फिर भी लंबी उम्र जी लेती है, प्रेम करती है राधा की तरह, और मीरा की तरह विष भी पी लेती है!

वरना तो ये दीवार-ओ-दर लगता है तुम होती हो घर में तो घर लगता है

वरना तो ये दीवार-ओ-दर लगता है तुम होती हो घर में तो घर लगता है

 औरतें काम पे निकली थीं बदन घर रख कर, जिस्म ख़ाली जो नज़र आए तो मर्द आ बैठे!

औरतें काम पे निकली थीं बदन घर रख कर, जिस्म ख़ाली जो नज़र आए तो मर्द आ बैठे!

होते है जिनसे रौशन, सभी दुनिया के चिराग, जलाती है जिसे औरत, खुद को जलाने के बाद, उस रौशनी से रोशन, फिर होती है कायनात।

होते है जिनसे रौशन, सभी दुनिया के चिराग, जलाती है जिसे औरत, खुद को जलाने के बाद, उस रौशनी से रोशन, फिर होती है कायनात।

 ये औरतों में तवाइफ़ तो ढूँड लेते हैं, तवाइफ़ों में इन्हें औरतें नहीं मिलतीं!

ये औरतों में तवाइफ़ तो ढूँड लेते हैं, तवाइफ़ों में इन्हें औरतें नहीं मिलतीं!

यहाँ की औरतों को इल्म की परवा नहीं बे-शक, मगर ये शौहरों से अपने बे-परवा नहीं होतीं ।

यहाँ की औरतों को इल्म की परवा नहीं बे-शक, मगर ये शौहरों से अपने बे-परवा नहीं होतीं ।

शहर का तब्दील होना शाद रहना और उदास, रौनक़ें जितनी यहाँ हैं औरतों के दम से हैं!

शहर का तब्दील होना शाद रहना और उदास, रौनक़ें जितनी यहाँ हैं औरतों के दम से हैं!

आसान नहीं है, औरत का किरदार निभा पाना, एक सफ़ेद चादर है, और दाग पानी से भी लग सकता है।

आसान नहीं है, औरत का किरदार निभा पाना, एक सफ़ेद चादर है, और दाग पानी से भी लग सकता है।

 औरत अपना आप बचाए तब भी मुजरिम है, औरत अपना आप गवाए तब भी मुजरिम है।

औरत अपना आप बचाए तब भी मुजरिम है, औरत अपना आप गवाए तब भी मुजरिम है।

बताऊँ क्या तुझे ऐ हम-नशीं किस से मोहब्बत है, मैं जिस दुनिया में रहता हूँ वो इस दुनिया की औरत है!

बताऊँ क्या तुझे ऐ हम-नशीं किस से मोहब्बत है, मैं जिस दुनिया में रहता हूँ वो इस दुनिया की औरत है!

 एक औरत से वफ़ा करने का ये तोहफ़ा मिला, जाने कितनी औरतों की बद-दुआएँ साथ हैं!

एक औरत से वफ़ा करने का ये तोहफ़ा मिला, जाने कितनी औरतों की बद-दुआएँ साथ हैं!

माना जीवन में औरत इक बार मोहब्बत करती है, लेकिन मुझ को ये तो बता दे क्या तू औरत ज़ात नहीं!

माना जीवन में औरत इक बार मोहब्बत करती है, लेकिन मुझ को ये तो बता दे क्या तू औरत ज़ात नहीं!

मैं आदमी हूँ कोई फ़रिश्ता नहीं हुज़ूर, मैं आज अपनी ज़ात से घबरा के पी गया

मैं आदमी हूँ कोई फ़रिश्ता नहीं हुज़ूर, मैं आज अपनी ज़ात से घबरा के पी गया

एक आंधी जिसे ले जाए उड़ा कर पल में आदमी रेत के टीलों की तरह होता है

एक आंधी जिसे ले जाए उड़ा कर पल में आदमी रेत के टीलों की तरह होता है

न जाने बाहर भी कितने आसेब मुंतज़िर हों अभी मैं अंदर के आदमी से डरा हुआ हूँ

न जाने बाहर भी कितने आसेब मुंतज़िर हों अभी मैं अंदर के आदमी से डरा हुआ हूँ