औरत को समझता था जो मर्दों का खिलौना, उस शख़्स को दामाद भी वैसा ही मिला है! - Aurat Shayari

औरत को समझता था जो मर्दों का खिलौना, उस शख़्स को दामाद भी वैसा ही मिला है!

Aurat Shayari