औरत अपना आप बचाए तब भी मुजरिम है, औरत अपना आप गवाए तब भी मुजरिम है। - Aurat Shayari

औरत अपना आप बचाए तब भी मुजरिम है, औरत अपना आप गवाए तब भी मुजरिम है।

Aurat Shayari