क्या डरें हम भूत-डायन-सी किसी भी बद-बला से आदमी से ही नहीं महफ़ूज़ है जब आदमी अब! - Aadmi Shayari

क्या डरें हम भूत-डायन-सी किसी भी बद-बला से आदमी से ही नहीं महफ़ूज़ है जब आदमी अब!

Aadmi Shayari