जानवर आदमी फ़रिश्ता ख़ुदा, आदमी की हैं सैकड़ों क़िस्में! - Aadmi Shayari

जानवर आदमी फ़रिश्ता ख़ुदा, आदमी की हैं सैकड़ों क़िस्में!

Aadmi Shayari