दिल ना-उम्मीद तो नहीं नाकाम ही तो है, लम्बी है ग़म की शाम मगर शाम ही तो है। - Asha Shayari

दिल ना-उम्मीद तो नहीं नाकाम ही तो है, लम्बी है ग़म की शाम मगर शाम ही तो है।

Asha Shayari