बे-ख़ुदी में ले लिया बोसा ख़ता कीजे मुआफ़ ये दिल-ए-बेताब की सारी ख़ता थी मैं न था - Bekhudi Shayari

बे-ख़ुदी में ले लिया बोसा ख़ता कीजे मुआफ़ ये दिल-ए-बेताब की सारी ख़ता थी मैं न था

Bekhudi Shayari