इस बस्ती में कौन हमारे आँसू पोंछेगा. जो मिलता है उसका दामन भीगा लगता है ! - Basti Shayari

इस बस्ती में कौन हमारे आँसू पोंछेगा. जो मिलता है उसका दामन भीगा लगता है !

Basti Shayari