डाला है बेख़ुदी ने अजब राह पर मुझे, आँखें हैं और कुछ नहीं आता नज़र मुझे… - Bekhudi Shayari

डाला है बेख़ुदी ने अजब राह पर मुझे, आँखें हैं और कुछ नहीं आता नज़र मुझे…

Bekhudi Shayari