पलकों से आँसुओं की क़तारों को पोंछ लो पतझड़ की बात ठीक नहीं है बहार में। - Bahaar Shayari

पलकों से आँसुओं की क़तारों को पोंछ लो पतझड़ की बात ठीक नहीं है बहार में।

Bahaar Shayari