चुरा के मुट्ठी में दिल को छुपाए बैठे हैं,  बहाना ये है कि मेहंदी लगाए बैठे हैं . - Bahane Shayari

चुरा के मुट्ठी में दिल को छुपाए बैठे हैं, बहाना ये है कि मेहंदी लगाए बैठे हैं .

Bahane Shayari