रास्ते के जिस दिये को समझते थे हम हक़ीर, वो दिया घर तक पहुँचने का बहाना बन गया.  - Bahane Shayari

रास्ते के जिस दिये को समझते थे हम हक़ीर, वो दिया घर तक पहुँचने का बहाना बन गया.

Bahane Shayari