हर शाम कोई बहाना ढूँढती हूँ, जिंदगी तेरा ठिकाना ढूँढती हूँ.  - Bahane Shayari

हर शाम कोई बहाना ढूँढती हूँ, जिंदगी तेरा ठिकाना ढूँढती हूँ.

Bahane Shayari