मिलकर देखा है हमने भी हर एक से, जानता हूँ वक़्त के साथ नहीं रहते लोग एक से।

मिलकर देखा है हमने भी हर एक से, जानता हूँ वक़्त के साथ नहीं रहते लोग एक से।

Bahane Shayari

दिल है तो धड़कने का  बहाना कोई ढूँढ़े, पत्थर की तरह बेहिस-ओ-बेजान सा क्यूँ है .

दिल है तो धड़कने का बहाना कोई ढूँढ़े, पत्थर की तरह बेहिस-ओ-बेजान सा क्यूँ है .

मेरी जिंदगी में खुशियाँ तेरे बहानें से है, आधी तुझे सताने में आधी तुझे मनाने में .

मेरी जिंदगी में खुशियाँ तेरे बहानें से है, आधी तुझे सताने में आधी तुझे मनाने में .

 रास्ते के जिस दिये को समझते थे हम हक़ीर, वो दिया घर तक पहुँचने का बहाना बन गया.

रास्ते के जिस दिये को समझते थे हम हक़ीर, वो दिया घर तक पहुँचने का बहाना बन गया.

हर शाम कोई बहाना ढूँढती हूँ, जिंदगी तेरा ठिकाना ढूँढती हूँ.

हर शाम कोई बहाना ढूँढती हूँ, जिंदगी तेरा ठिकाना ढूँढती हूँ.

 बहाने मिलने के शायद न रोज़ रोज़ मिलें किताब माँग लिया कर कभी कभी उससे

बहाने मिलने के शायद न रोज़ रोज़ मिलें किताब माँग लिया कर कभी कभी उससे

 मुझसे मिलने को करता था बहाने कितने, अब मेरे बिना गुजारेगा वो जमाने कितने.

मुझसे मिलने को करता था बहाने कितने, अब मेरे बिना गुजारेगा वो जमाने कितने.

काश मुझे भी इन झूठे रंगों में ढलना आ जाता, कई रिश्ते टूटने से बच जाते अगर हमे भी चेहरा बदलना आ जाता।

काश मुझे भी इन झूठे रंगों में ढलना आ जाता, कई रिश्ते टूटने से बच जाते अगर हमे भी चेहरा बदलना आ जाता।

 ये जो तुमने खुद को बदला है सनम, ये बदला है सनम या फिर बदला है सनम।

ये जो तुमने खुद को बदला है सनम, ये बदला है सनम या फिर बदला है सनम।

 ज़िन्दगी की मेरी तस्वीर बदल जाए, तू मिल जाएगी तो तक़दीर बदल जाएगी।

ज़िन्दगी की मेरी तस्वीर बदल जाए, तू मिल जाएगी तो तक़दीर बदल जाएगी।

बदल जाते हैं लोग ज़रूरतों के हिसाब से और कहते हैं गणित में थोड़ा कच्चा हूँ मैं।

बदल जाते हैं लोग ज़रूरतों के हिसाब से और कहते हैं गणित में थोड़ा कच्चा हूँ मैं।

अब अच्छा लग रहा है जो बदल रहा हूँ, जब से अकल आई है अकेला चल रहा हूँ।

अब अच्छा लग रहा है जो बदल रहा हूँ, जब से अकल आई है अकेला चल रहा हूँ।

 काश की तुम बदलते ही नहीं, या काश हम पीछे तुम्हारे चलते ही नहीं।

काश की तुम बदलते ही नहीं, या काश हम पीछे तुम्हारे चलते ही नहीं।

 तेरे जाने के बाद अब आलम यूँ है, की पहले वक़्त मिलता नहीं था अब गुज़रता नहीं है।

तेरे जाने के बाद अब आलम यूँ है, की पहले वक़्त मिलता नहीं था अब गुज़रता नहीं है।

बचपन की यादों के बादल छटने लगे है पुराने घर मैदान आंखों के सामने से मिटने लगे है।

बचपन की यादों के बादल छटने लगे है पुराने घर मैदान आंखों के सामने से मिटने लगे है।

पहले ही नम है ज़मीन दिल की, बादलों से कह दो ज़रा बंजर इलाकों में भी बरस आएं।

पहले ही नम है ज़मीन दिल की, बादलों से कह दो ज़रा बंजर इलाकों में भी बरस आएं।

बादलों सा इश्क़ था उसका, थोड़ी देर बरस कर कहीं खो गया।

बादलों सा इश्क़ था उसका, थोड़ी देर बरस कर कहीं खो गया।

बादल हो या काजल बह जाना ही मुकद्दर है।

बादल हो या काजल बह जाना ही मुकद्दर है।

ऐसा भी क्या ग़म है तुझे क्यूँ इतना तरस रहा ऐ बादल ज़रा तो ठहर क्यूँ इतना बरस रहा।

ऐसा भी क्या ग़म है तुझे क्यूँ इतना तरस रहा ऐ बादल ज़रा तो ठहर क्यूँ इतना बरस रहा।