दीदार की तलब हो तो नजरें जमाये रखना, क्योंकि 'नकाब' हो या 'नसीब' सरकता जरूर है। - Deedar Shayari

दीदार की तलब हो तो नजरें जमाये रखना, क्योंकि 'नकाब' हो या 'नसीब' सरकता जरूर है।

Deedar Shayari