कि एक बार आज फिर खुदखुशी की हमने, कि तेरी गली से निकले और तेरा दीदार हो गया. - Deedar Shayari

कि एक बार आज फिर खुदखुशी की हमने, कि तेरी गली से निकले और तेरा दीदार हो गया.

Deedar Shayari