इलाही क्या खुले दीदार की राह, उधर दरवाज़े बंद आँखें इधर बंद. - Deedar Shayari

इलाही क्या खुले दीदार की राह, उधर दरवाज़े बंद आँखें इधर बंद.

Deedar Shayari