ये नींदों की है ख्वाहिश तेरा ख्वाबों में आना, नजरों का कसूर नहीं जो तेरा दीदार करती हैं। - Deedar Shayari

ये नींदों की है ख्वाहिश तेरा ख्वाबों में आना, नजरों का कसूर नहीं जो तेरा दीदार करती हैं।

Deedar Shayari