मुझको तेरा दीदार हो, तुम जिंदगी हो, तुम बंदगी हो, और ज्यादा क्या कहूँ.

मुझको तेरा दीदार हो, तुम जिंदगी हो, तुम बंदगी हो, और ज्यादा क्या कहूँ.

Deedar Shayari

दिल का क्या है तेरी यादों के सहारे जी लेगा, हैरान तो आँखे हैं तेरे दीदार को.

दिल का क्या है तेरी यादों के सहारे जी लेगा, हैरान तो आँखे हैं तेरे दीदार को.

हम कुछ ऐसे तेरे दीदार में खो जाते हैं, जैसे बच्चे भरे बाज़ार में खो जाते हैं.

हम कुछ ऐसे तेरे दीदार में खो जाते हैं, जैसे बच्चे भरे बाज़ार में खो जाते हैं.

कि एक बार आज फिर खुदखुशी की हमने, कि तेरी गली से निकले और तेरा दीदार हो गया.

कि एक बार आज फिर खुदखुशी की हमने, कि तेरी गली से निकले और तेरा दीदार हो गया.

इलाही क्या खुले दीदार की राह, उधर दरवाज़े बंद आँखें इधर बंद.

इलाही क्या खुले दीदार की राह, उधर दरवाज़े बंद आँखें इधर बंद.

जन्नत का हर लम्हा दीदार किया था, गोद मे उठाकर जब मॉ ने प्यार किया था.

जन्नत का हर लम्हा दीदार किया था, गोद मे उठाकर जब मॉ ने प्यार किया था.

मेरी आँखें और दीदार आप का, या क़यामत आ गई या ख़्वाब है.

मेरी आँखें और दीदार आप का, या क़यामत आ गई या ख़्वाब है.

कर्ज़दार रहेंगे हम उस हकीम के, जिसने दवा में उनका दीदार लिख दिया।

कर्ज़दार रहेंगे हम उस हकीम के, जिसने दवा में उनका दीदार लिख दिया।

प्यार का मारा हूँ, एक तेरा दीदार काफी है, हर एक दवा से बेहतर, नजर-ए-यार काफी है।

प्यार का मारा हूँ, एक तेरा दीदार काफी है, हर एक दवा से बेहतर, नजर-ए-यार काफी है।

ये नींदों की है ख्वाहिश तेरा ख्वाबों में आना, नजरों का कसूर नहीं जो तेरा दीदार करती हैं।

ये नींदों की है ख्वाहिश तेरा ख्वाबों में आना, नजरों का कसूर नहीं जो तेरा दीदार करती हैं।

प्यार में कैद हुए आशिकों के लिए बाहर निकलने का कोई दरवाजा नहीं होता।

प्यार में कैद हुए आशिकों के लिए बाहर निकलने का कोई दरवाजा नहीं होता।

तहजीब सिखा दी मुझे एक छोटे से मकान ने,  दरवाजे पर लिखा था थोडा झुक कर चलिये।

तहजीब सिखा दी मुझे एक छोटे से मकान ने, दरवाजे पर लिखा था थोडा झुक कर चलिये।

बंद कर दिया है घर का हर दरवाजा, ना जाने कहाँ से ये गम चला आता है।

बंद कर दिया है घर का हर दरवाजा, ना जाने कहाँ से ये गम चला आता है।

मैंने दिल के दरवाजे पर चिपका दी है एक चेतावनी,  फ़ना होने का दम रखना तभी भीतर कदम रखना।

मैंने दिल के दरवाजे पर चिपका दी है एक चेतावनी, फ़ना होने का दम रखना तभी भीतर कदम रखना।

आहटें ढूंढ़ती हैं क़दमों को दस्तकें ढूंढती हैं दरवाज़ा!

आहटें ढूंढ़ती हैं क़दमों को दस्तकें ढूंढती हैं दरवाज़ा!

किस का दरवाज़ा खटखटाती है दूर तक ख़्वाहिश उड़ती जाती है

किस का दरवाज़ा खटखटाती है दूर तक ख़्वाहिश उड़ती जाती है

कुछ मुलाकाते दरवाजे खोल जाती है, या तो दिल के या तो आंखो के।

कुछ मुलाकाते दरवाजे खोल जाती है, या तो दिल के या तो आंखो के।

दरवाज़े के अंदर इक दरवाज़ा और छुपा हुआ है मुझ में जाने क्या क्या और

दरवाज़े के अंदर इक दरवाज़ा और छुपा हुआ है मुझ में जाने क्या क्या और

तेरे वादे को कभी झूट नहीं समझूँगा कल की रात भी दरवाज़ा खुला रखूँगा।।

तेरे वादे को कभी झूट नहीं समझूँगा कल की रात भी दरवाज़ा खुला रखूँगा।।