लगी रहती हैं निगाहे अब दरवाज़े पर, शायद कोई उनका पैगाम आ जाये।

लगी रहती हैं निगाहे अब दरवाज़े पर, शायद कोई उनका पैगाम आ जाये।

Darwaza Shayari

मेहनत वह चाबी है जो किस्मत का दरवाज़ा खोल देती हैं।

मेहनत वह चाबी है जो किस्मत का दरवाज़ा खोल देती हैं।

खुल के मिलने का सलीका उन्हें आता नहीं, और मेरे करीब तो कोई चोर दरवाजा नहीं।

खुल के मिलने का सलीका उन्हें आता नहीं, और मेरे करीब तो कोई चोर दरवाजा नहीं।

रिश्तों में दूरियां कभी इतनी मत बढ़ा लेना, कि दरवाजा खुला हो फिर भी खटखटाना पड़े।

रिश्तों में दूरियां कभी इतनी मत बढ़ा लेना, कि दरवाजा खुला हो फिर भी खटखटाना पड़े।

प्रेम का दरवाजा अक्सर छोटा होता है, सर झुककर ही अंदर जाते है लोग।

प्रेम का दरवाजा अक्सर छोटा होता है, सर झुककर ही अंदर जाते है लोग।

अपने यादों को मेरे दहलीज पर मत भेज, अब दिल का दरवाजा बड़ी मुश्किल से खुलता है।

अपने यादों को मेरे दहलीज पर मत भेज, अब दिल का दरवाजा बड़ी मुश्किल से खुलता है।

सर झुकाने की आदत होनी चाहिए, सबके घर का दरवाजा ऊँचा नहीं होता।

सर झुकाने की आदत होनी चाहिए, सबके घर का दरवाजा ऊँचा नहीं होता।

कौन आएगा यहाँ कोई न आया होगा, मेरा दरवाजा हवाओं ने हिलाया होगा।

कौन आएगा यहाँ कोई न आया होगा, मेरा दरवाजा हवाओं ने हिलाया होगा।

जब भी उनकी गली से गुज़रता हूँ,  मेरी आंखें एक दस्तक दे देती है,

जब भी उनकी गली से गुज़रता हूँ, मेरी आंखें एक दस्तक दे देती है,

उन दिनों घर से अजब रिश्ता था,  सारे दरवाज़े गले लगते थे।

उन दिनों घर से अजब रिश्ता था, सारे दरवाज़े गले लगते थे।

दिखावा मत कीजिये, क्योंकि यह अक्सर लोगों को बर्बाद कर देता है!

दिखावा मत कीजिये, क्योंकि यह अक्सर लोगों को बर्बाद कर देता है!

दिखावे की मोहब्बत का ”बाज़ार” चलता है यहाँ, सच्चे एहसास रोज ”खुदखुशी” करते है!

दिखावे की मोहब्बत का ”बाज़ार” चलता है यहाँ, सच्चे एहसास रोज ”खुदखुशी” करते है!

ऐ दुनिया वालों दिखावा करना बंद करो, क्योंकि यह दुनिया की खूबसूरती को कम करती है.

ऐ दुनिया वालों दिखावा करना बंद करो, क्योंकि यह दुनिया की खूबसूरती को कम करती है.

ये बोझ धोकेबाज़ी का उठाया नहीं जाता, पहला धोका तो पहले धोका होता है भूले से भी भुलाया नहीं जाता।

ये बोझ धोकेबाज़ी का उठाया नहीं जाता, पहला धोका तो पहले धोका होता है भूले से भी भुलाया नहीं जाता।

दिखावे की भी एक सीमा होती है, उस ”सीमा” को पार करने का मतलब होता है,  मुसीबत को न्योता देना.

दिखावे की भी एक सीमा होती है, उस ”सीमा” को पार करने का मतलब होता है, मुसीबत को न्योता देना.

हर_किसी को मैं खुश रख सकूं वो सलीका मुझे नहीं आता.. जो मैं नहीं हूँ, वो ‘दिखने’ का तरीका मुझे नहीं आता ।

हर_किसी को मैं खुश रख सकूं वो सलीका मुझे नहीं आता.. जो मैं नहीं हूँ, वो ‘दिखने’ का तरीका मुझे नहीं आता ।

जब प्यार है ही नहीं तो “दिखावा” क्यों करते हो जब निभा ही नहीं सकते है तो वादा क्यों करते हो

जब प्यार है ही नहीं तो “दिखावा” क्यों करते हो जब निभा ही नहीं सकते है तो वादा क्यों करते हो

तुझे तो #मोहब्बत भी तेरी ‘औकात’ से ज्यादा की थी, अब तो बात नफरत की है, सोच तेरा क्या होगा…

तुझे तो #मोहब्बत भी तेरी ‘औकात’ से ज्यादा की थी, अब तो बात नफरत की है, सोच तेरा क्या होगा…

प्यार में तो दिखावे के लिए बिल्कुल जगह नहीं होती है.

प्यार में तो दिखावे के लिए बिल्कुल जगह नहीं होती है.