लगी रहती हैं निगाहे अब दरवाज़े पर, शायद कोई उनका पैगाम आ जाये। - Darwaza Shayari

लगी रहती हैं निगाहे अब दरवाज़े पर, शायद कोई उनका पैगाम आ जाये।

Darwaza Shayari