Darwaza Shayari, Status, and Images in Hindi

Best Darwaza Status, Shayari, Messages, and Quotes With Images in Hindi.

Heart Touching Darwaza Shayari

प्यार में कैद हुए आशिकों के लिए बाहर निकलने का कोई दरवाजा नहीं होता।

तहजीब सिखा दी मुझे एक छोटे से मकान ने, दरवाजे पर लिखा था थोडा झुक कर चलिये।

बंद कर दिया है घर का हर दरवाजा, ना जाने कहाँ से ये गम चला आता है।

मैंने दिल के दरवाजे पर चिपका दी है एक चेतावनी, फ़ना होने का दम रखना तभी भीतर कदम रखना।

आहटें ढूंढ़ती हैं क़दमों को दस्तकें ढूंढती हैं दरवाज़ा!

किस का दरवाज़ा खटखटाती है दूर तक ख़्वाहिश उड़ती जाती है

कुछ मुलाकाते दरवाजे खोल जाती है, या तो दिल के या तो आंखो के।

दरवाज़े के अंदर इक दरवाज़ा और छुपा हुआ है मुझ में जाने क्या क्या और

तेरे वादे को कभी झूट नहीं समझूँगा कल की रात भी दरवाज़ा खुला रखूँगा।।

रातो में घर का दरवाज़ा खुला रखती हूँ, काश कोई लुटेरा आये और मेरे ग़मों को लुट ले जाए।

ज़रूरी नहीं कि दस्तक या आहट हमेशा दरवाज़े पर भी हो, कई बार कुछ ख़ास मेहमान दिल पर भी दस्तक देते हैं।

मेहनत वह चाबी है जो किस्मत का दरवाज़ा खोल देती हैं।

खुल के मिलने का सलीका उन्हें आता नहीं, और मेरे करीब तो कोई चोर दरवाजा नहीं।

रिश्तों में दूरियां कभी इतनी मत बढ़ा लेना, कि दरवाजा खुला हो फिर भी खटखटाना पड़े।

प्रेम का दरवाजा अक्सर छोटा होता है, सर झुककर ही अंदर जाते है लोग।

अपने यादों को मेरे दहलीज पर मत भेज, अब दिल का दरवाजा बड़ी मुश्किल से खुलता है।

सर झुकाने की आदत होनी चाहिए, सबके घर का दरवाजा ऊँचा नहीं होता।

कौन आएगा यहाँ कोई न आया होगा, मेरा दरवाजा हवाओं ने हिलाया होगा।

जब भी उनकी गली से गुज़रता हूँ, मेरी आंखें एक दस्तक दे देती है,

उन दिनों घर से अजब रिश्ता था, सारे दरवाज़े गले लगते थे।

लगी रहती हैं निगाहे अब दरवाज़े पर, शायद कोई उनका पैगाम आ जाये।

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प्यार में कैद हुए आशिकों के लिए बाहर निकलने का कोई दरवाजा नहीं होता।
तहजीब सिखा दी मुझे एक छोटे से मकान ने,  दरवाजे पर लिखा था थोडा झुक कर चलिये।
बंद कर दिया है घर का हर दरवाजा, ना जाने कहाँ से ये गम चला आता है।
मैंने दिल के दरवाजे पर चिपका दी है एक चेतावनी,  फ़ना होने का दम रखना तभी भीतर कदम रखना।
आहटें ढूंढ़ती हैं क़दमों को दस्तकें ढूंढती हैं दरवाज़ा!
किस का दरवाज़ा खटखटाती है दूर तक ख़्वाहिश उड़ती जाती है
कुछ मुलाकाते दरवाजे खोल जाती है, या तो दिल के या तो आंखो के।
दरवाज़े के अंदर इक दरवाज़ा और छुपा हुआ है मुझ में जाने क्या क्या और
तेरे वादे को कभी झूट नहीं समझूँगा कल की रात भी दरवाज़ा खुला रखूँगा।।
रातो में घर का दरवाज़ा खुला रखती हूँ, काश कोई लुटेरा आये और मेरे ग़मों को लुट ले जाए।
ज़रूरी नहीं कि दस्तक या आहट हमेशा दरवाज़े पर भी हो,  कई बार कुछ ख़ास मेहमान दिल पर भी दस्तक देते हैं।
मेहनत वह चाबी है जो किस्मत का दरवाज़ा खोल देती हैं।
खुल के मिलने का सलीका उन्हें आता नहीं, और मेरे करीब तो कोई चोर दरवाजा नहीं।
रिश्तों में दूरियां कभी इतनी मत बढ़ा लेना, कि दरवाजा खुला हो फिर भी खटखटाना पड़े।
प्रेम का दरवाजा अक्सर छोटा होता है, सर झुककर ही अंदर जाते है लोग।
अपने यादों को मेरे दहलीज पर मत भेज, अब दिल का दरवाजा बड़ी मुश्किल से खुलता है।
सर झुकाने की आदत होनी चाहिए, सबके घर का दरवाजा ऊँचा नहीं होता।
कौन आएगा यहाँ कोई न आया होगा, मेरा दरवाजा हवाओं ने हिलाया होगा।
जब भी उनकी गली से गुज़रता हूँ,  मेरी आंखें एक दस्तक दे देती है,
उन दिनों घर से अजब रिश्ता था,  सारे दरवाज़े गले लगते थे।
लगी रहती हैं निगाहे अब दरवाज़े पर, शायद कोई उनका पैगाम आ जाये।