New Shayari
New Shayari with images to express your feelings on Whatsapp, Facebook, and Instagram with your loved one.
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जेब में जरा सा सूराख क्या हुआ, सिक्कों से ज्यादा रिश्ते गिर पड़े।
ज़िन्दगी से मेरी आदत नहीं मिलती, मुझे जीने की सूरत नहीं मिलती, कोई मेरा भी कभी हमसफ़र होता, मुझे ही क्यूँ मोहब्बत नहीं मिलती।
ऐसे माहौल में दवा क्या है दुआ क्या है, जहाँ कातिल ही खुद पूछे कि हुआ क्या है?
घर से निकलो तो पता जेब में रख कर निकलो, हादसे इंसान की पहचान तक मिटा देते है।
प्यार करना सीखा ✍️है, नफरतों का कोई ठौर ✖️✖️नहीं, तू ही तू है इस👉 दिल❤️ में दूसरा कोई और नहीं…
ना 🌟जाने 👩कितनी दुआओं का सहारा🌟 होगा, जब✨ कोई हमारा सिर्फ हमारा होगा।
पता है❓ हमें प्यार करना नहीं ✖️ आता 😟मगर, जितना भी 😊 किया है सिर्फ👉 तुमसे ❤️किया है !
वक़्त रहता नहीं कहीं टिक कर, आदत इस की भी आदमी सी है।
वो पहले सा कहीं मुझको कोई मंज़र नहीं लगता, यहाँ लोगों को देखो अब ख़ुदा का डर नहीं लगता।
आईना फैला रहा है खुद-फरेबी का ये मर्ज, हर किसी से कह रहा है आप सा कोई नहीं।
सारी फितरत नकाबों में छुपा रखी है, सिर्फ तस्वीर उजालों में लगा रखी है।
एक उमर बीत चली है तुझे चाहते हुए, तू आज भी बेखबर है कल की तरह।
छुपा लूं तुझको अपनी बाँहों में इस तरह, कि हवा भी गुजरने की इजाज़त मांगे, मदहोश हो जाऊं तेरे प्यार में इस तरह, कि होश भी आने की इजाज़त मांगे ।
जब तक था दम में दम न दबे आसमाँ से हम, जब दम निकल गया तो ज़मीं ने दबा लिया।
पूछा न ज़िन्दगी में किसी ने भी दिल का हाल, अब शहर भर में ज़िक्र मेरी खुदकुशी का है।
अपनी तस्वीर बनाओगे तो होगा एहसास, कितना दुश्वार है खुद को कोई चेहरा देना।
तहज़ीब के खिलाफ हुआ सच का बोलना, अब झूठ ज़िन्दगी के सलीक़े में आ गया।
इरादे बाँधता हूँ, सोचता हूँ, तोड़ देता हूँ, कहीं ऐसा न हो जाये, कहीं वैसा न हो जाये।
जिसकी कफस में आँख खुली हो मेरी तरह, उसके लिये चमन की खिजाँ क्या बहार क्या।
यूँ गलत नहीं होती चेहरों की तासीर लेकिन, लोग वैसे भी नहीं होते जैसे नजर आते है।
दिल की बातों को आज कहना है तुमको, धड़कन बनके तेरे दिल में रहना है हमको, कही रुक ना जाए यह मेरी साँसें, इसलिए हर पल तेरे साथ जीना है हमको।
साँसों की माला में पिरो कर रखे हैं तेरी चाहतो के मोती, अब तो तमन्ना यही है कि, बिखरूं तो सिर्फ तेरे आगोश में।
संभाले नहीं संभलता है दिल, मोहब्बत की तपिश से न जला, इश्क तलबगार है तेरा चला आ, अब ज़माने का बहाना न बना।
❣️मुश्किल भी तुम हो❣️, ❣️हल भी तुम हो❣️ ❣️होती है जो सीने में❣️, ❣️वो हलचल भी तुम हो❣️..!
राज़ खोल देते हैं नाजुक से इशारे अक्सर, कितनी खामोश मोहब्बत की जुबान होती है।
हवा से कह दो खुद को आज़मा के दिखाये, बहुत चिराग बुझाती है एक जला के दिखाये।
मिलने को तो हर शख्स एहतराम से मिला, पर जो मिला किसी न किसी काम से मिला।
सीख रहा हूँ धीरे-धीरे इस दुनिया के रिवाज, जिससे मतलब निकल गया उसे दिल से निकाल दो।
कुछ लोग मेरे शहर में खुशबू की तरह हैं, महसूस तो होते हैं पर दिखाई नहीं देते।
काँटे किसी के हक में किसी को गुलो-समर, क्या खूब एहतमाम-ए-गुलिस्ताँ है आजकल।
आप की खातिर अगर हम लूट भी लें आसमाँ, क्या मिलेगा चंद चमकीले से शीशे तोड़ के।
किसी ने तो दे रखा होगा उनको भी मक़ाम, वर्ना ये बेघर लोग यूँ मुस्कुराते न फिरते।
शाख से तोड़े गए फूल ने हँस कर ये कहा, अच्छा होना भी बुरी बात है इस दुनिया में।
कुछ सोचूं तो तेरा ख्याल आ जाता है, कुछ बोलूं तो तेरा नाम आ जाता है, कब तलक बयाँ करूँ दिल की बात, हर सांस में अब तेरा एहसास आ जाता है।
मेरी आँखों में यही हद से ज्यादा बेशुमार है, तेरा ही इश्क़, तेरा ही दर्द, तेरा ही इंतज़ार है।
हम आपके प्यार में कुछ ऐसा कर जायेंगे, बन कर खुशबू इन हवाओं में बिखर जायेंगे, भुलाना अगर चाहो तो साँसों को रोक लेना, वरना साँस भी लोगे तो दिल में उतर जायेंगे।
कभी क़रीब तो कभी दूर हो के रोते हैं, मोहब्बतों के भी मौसम अजीब होते हैं।
तुम्हारी फिक्र है मुझे इसमे कोई शक नही, तुम्हे कोई और देखे किसी को ये हक नही।
वो वक़्त वो लम्हे कुछ अजीब होंगे, दुनिया में हम खुश नसीब होंगे, दूर से जब इतना याद करते है आपको, क्या होगा जब आप हमारे करीब होंगे।
यह मेरा इश्क़ था या फिर दीवानगी की इन्तहा, कि तेरे ही करीब से गुज़र गए तेरे ही ख्याल से।
उसकी पलकों से आँसू को चुरा रहे थे हम, उसके ग़मो को हंसीं से सजा रहे थे हम, जलाया उसी दिए ने मेरा हाथ जिसकी लो को हवा से बचा रहे थे हम।
एक रास्ता ये भी है मंजिलों को पाने का, सीख लो तुम भी हुनर हाँ में हाँ मिलाने का।
भूल कर भी अपने दिल की बात किसी से मत कहना, यहाँ कागज भी जरा सी देर में अखबार बन जाता है।
दीदार की तलब हो तो नजरें जमाये रख, क्यूँकि नक़ाब हो या नसीब सरकता जरुर है।
दौड़ में दौलत की तुम्हें जो भी मुक़ाम मिल जाये, नाम बदल देना मेरा जो इत्मिनान मिल जाये।
हजारों लोग शरीक हुए थे जनाज़े में उसके, तन्हाइयों के खौफ से जो शख्स मर गया।
तुम्हारा सिर्फ इन हवाओं पे शक़ गया होगा, चिराग खुद भी तो जल-जल के थक गया होगा।
तोड़ कर जोड़ लो चाहे हर चीज़ दुनिया की, सबकी मरम्मत मुमकिन है ऐतबार के सिवा।
वो पिला कर जाम लबों से अपनी मोहब्बत का, अब कहते हैं नशे की आदत अच्छी नहीं होती।
प्यार💕 मोहब्बत आशिकी ये बस ❓अल्फाज थे, मगर जब 👉तुम मिले तब इन अल्फ़ाजों 😍को मायने मिले!
जरा छू लूं तुमको मुझको यकीन आ जाए, लोग कहते हैं कि मुझे साए से मोहब्बत है।
रिश्ता हमारा इस जहां में सबसे प्यारा हो, जैसे जिंदगी को सांसों का सहारा हो, याद करना हमें उस पल में जब तुम अकेले हो और कोई ना तुम्हारा हो ।
ज़िन्दगी तुम मेरी बन जाओ रब से और क्या माँगू, जीने की वजह बन जाओ बस ये ही दुआ माँगू।
सुनो📣 मेरी #जान😍 प्यार से प्यारी💓 मेरी दिलरुबा, मेरा ग़म💔 कोई भी हो पर मेरी ख़ुशी 😘तुम ही हो सिर्फ़👉 तुम..!
तुम राह में चुप-चाप खड़े हो तो गए हो, किस-किस को बताओगे घर क्यों नहीं जाते।
फिर किसी मोड़ पर मिल जाऊँ तो मुहँ फेर लेना, पुराना इश्क़ है, फिर उभरा तो कयामत होगी।
जल के आशियाँ अपना ख़ाक हो चुका कब का, आज तक ये आलम है रोशनी से डरते हैं।
खुदा या नाखुदा अब जिसको चाहो बख्श दो इज्जत, हकीकत में तो कश्ती इत्तिफाकन बच गई अपनी।
वक़्त का मुझे कोई होश नही, जिस्म मे मेरे कोई जोश नही, तरसाते हो तुम तनहाई मे और कहते हो ‘मेरा कोई दोष नही।
ये कागज़ का पन्ना📖 आज भी TERI खुशबु से "महक" रहा है,जिसपे कभी TUNE मजाक में "I_Love_u"😍😍लिखा था.
सामने ना हो तो तरसती हैं आँखे, बिन तेरे बहुत बरसती हैं आँखे, मेरे लिए ना सही इनके लिए आ जाओ, क्यूंकी तुमसे बेपनाह प्यार करती हैं आँखे।
सोई हुई तड़प को फिर, जगा रहा है कोई, कहता तो कुछ नहीं बस याद आ रहा है कोई।
मेरा हर लम्हा चुराया आपने, आँखों को एक ख्वाब देखाया आपने, हमें ज़िंदगी दी किसी और ने, पर प्यार में जीना सिखाया आपने।
बिन बात के ही रूठने की आदत है, किसी अपने का साथ पाने की चाहत है, आप खुश रहें, मेरा क्या है, मैं तो आइना हूँ, मुझे तो टूटने की आदत है।
तरसते थे जो हमसे मिलने को कभी न जाने क्यों आज मेरे साए से भी कतराते हैं, हम भी वहीं हैं दिल भी वही है, न जाने क्यों लोग बदल जाते हैं।
हम जिनके दीवाने है वो गैरों के गुण गाते थे, हमने कहा आपके बिन जी ना सकेंगे, तो हंस के कहने लगे, के जब हम ना थे तब भी तो जीते थे।
रात गुमसुम हैं मगर चाँद खामोश नहीं, कैसे कह दूँ फिर आज मुझे होश नहीं, ऐसे डूबा तेरी आँखों के गहराई में आज, हाथ में जाम हैं,मगर पिने का होश नहीं।
दिल की धड़कन बन कर दिल मे रहोगे तुम जब तक सांस है तब तक मेरे साथ रहोगे तुम।
किसी के तुम हो किसी का ख़ुदा है दुनिया मैं, मेरे नसीब में तुम भी नहीं खुदा भी नहीं।
शुरू करते हैं फिर से मोहब्बत तुम चले आओ …थोड़ा हम बदल जाते हैं .. थोड़ा तुम बदल जाओ।