जब अपने हुस्न के तीर तुम चलाती हो मेरे सीने से दिल की धड़कने चुरा ले जाती हो।। - Dhadkan Shayari

जब अपने हुस्न के तीर तुम चलाती हो मेरे सीने से दिल की धड़कने चुरा ले जाती हो।।

Dhadkan Shayari