दिल जिसको एक बार अपना बना लेता है उसे यह फिर धड़कनों में बसा लेता है भूल नहीं पाते हम फिर उस मोहब्बत को जो एक बार अपना बन चला आता है। - Dhadkan Shayari

दिल जिसको एक बार अपना बना लेता है उसे यह फिर धड़कनों में बसा लेता है भूल नहीं पाते हम फिर उस मोहब्बत को जो एक बार अपना बन चला आता है।

Dhadkan Shayari