फिर नहीं बसते वह दिल जो एक बार टूट जाते हैं, कब्र को कितना भी सजा लो लोग जिंदा नहीं होते !
चाहे जितना भी किसी को अपना बना लो,
वो एक दिन आपको गैर महसूस करा ही देते हैं!
अभी जरा वक़्त हैं उसको मुझे अजमाने दो,
वो रो-रोकर पुकारेगी मुझे बस मेरा वक़्त तो आने दो..!
इंसान सिर्फ एक कारण से अकेला पड़ जाता हैं,
जब उसके अपने ही उसे गलत समझने लगते हैं..!
गरीबी खुद के सिवा औरो पे असरदार नहीं होती,
शायद इसलिए भूखो की कोई सरकार नहीं होती..!!
नवरोज का खास मौका आया है, संग खुशियों की सौगात लाया है नया साल दे आपको खुशियां अपार यही है दिल से दुआ इस बार पारसी नववर्ष की शुभकामनाएं
शाखों पर सजता नये पत्तों का श्रृंगार, मीठे पकवानों की होती चारों तरफ बहार, मीठी बोली से करते, सब एक दूजे का दीदार, चलो मनाएं नवरोज इस बार Happy Parsi New Year
वृक्षों पर सजती नए पत्तों की बहार हरियाली से महकता प्रकृति का व्यवहार, ऐसा सजता है नवरोज का मौसम ही कर देता नववर्ष का सत्कार। पारसी नवरोज की हार्दिक !
सुबह हो या शाम हो, दिन हो या रात हो, हम नहीं भूलेंगे आपसे यह कहना, आज है जमशेदी नवरोज, दुआ है यही कि ये दिन आपके लिए खास हो. पारसी नव वर्ष की शुभकामनाएं
पारसी नवरोज मंगलमय हो नव-वर्ष की पावन बेला में है यही शुभ संदेश हर दिन आए आपके जीवन में लेकर खुशियां पारसी नवरोज पर है हमारी यह शुभकामना !
ऋतु से बदलता पारसी साल नए वर्ष की छाए मौसम में बहार बदलाव दिखता प्रकृति में हर तरफ ऐसा होता है नवरोज का त्योहार ! Happy Parsi New Year !
कोयल गाए हर डाल-डाल, पात-पात खुश माह की शुक्ल प्रतिपदा का हैं अवसर खुशियों से बीते नव वर्ष का हर एक पल पारसी नवरोज की हार्दिक !
पिछली यादें गठरी में बांधकर करें नव वर्ष का बेसब्री से इंतजार लाएं खुशियों की बारात ऐसे हो नवरोज की शुरुआत ! Happy Parsi New Year !
खुशियों के वेश में घर में शुभ संदेशों की बधाई पुराने साल को अलविदा भाई सभी को पारसी नव वर्ष की बधाई ! Happy Parsi New Year !
नव-वर्ष की पावन बेला में है यही शुभ संदेश, हर दिन आए आपके जीवन में, लेकर खुशियां विशेष पारसी नववर्ष की शुभकामनाएं।
इस नए साल में दिल से निकली दुआ है हमारी, जिन्दगी में मिले आपको खुशियां सारी Happy Parsi New Year !
शहीद दिवस पर हाथों में तिरंगे को थामकर, शहीदों के सपनों को पूरा करें अब नींदों को त्याग कर। शहीद दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!
शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा, अमर शहीद भगत सिंह, सुखदेव व राजगुरु के बलिदान दिवस पर, कोटि-कोटि नमन