शायद इस दिल को आराम मिले अब मैं सिर्फ़ यही सोच के आया हूँ, मेरे टूटे दिल के टुकड़ों को मैं हाथों में उठा के लाया हूँ।
 - Best Shayari

शायद इस दिल को आराम मिले अब मैं सिर्फ़ यही सोच के आया हूँ, मेरे टूटे दिल के टुकड़ों को मैं हाथों में उठा के लाया हूँ।

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