दौड़ में दौलत की तुम्हें जो भी मुक़ाम मिल जाये, नाम बदल देना मेरा जो इत्मिनान मिल जाये।
 - New Shayari

दौड़ में दौलत की तुम्हें जो भी मुक़ाम मिल जाये, नाम बदल देना मेरा जो इत्मिनान मिल जाये।

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