आज फिर मैंने तेरे 😢प्यार में कमी देखी, चाँद की 🌜चाँदनी में भी कुछ नमी देखी, उदास होकर लौट आए उस ⏳वक़्त हम, जब तेरी महफ़िल गैरों से सजी देखी। - sad shayari

आज फिर मैंने तेरे 😢प्यार में कमी देखी, चाँद की 🌜चाँदनी में भी कुछ नमी देखी, उदास होकर लौट आए उस ⏳वक़्त हम, जब तेरी महफ़िल गैरों से सजी देखी।

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