औकात नहीं थी 🌎ज़माने में जो मेरी 😣कीमत लगा सके, कम्बख़्त 🖤इश्क में क्या गिरे, मुफ्त में 😭नीलाम हो गये। - sad shayari

औकात नहीं थी 🌎ज़माने में जो मेरी 😣कीमत लगा सके, कम्बख़्त 🖤इश्क में क्या गिरे, मुफ्त में 😭नीलाम हो गये।

sad shayari

Best Hindi Status