😢बिछड़कर फिर मिलेंगे यकीन कितना था, बेशक ये 😞ख्वाब था मगर हसीन कितना था।
मैंने 💔तड़पकर कहा बहुत 💔याद आते हो तुम वो ☺️मुस्कुरा कर बोले तुम्हे और 😢आता ही क्या है!
जिस क़दर उसकी 😔क़दर की उस क़दर बेक़दर 😢हुये हम।
चेहरे 😛अजनबी हो जाये तो कोई बात नहीं, मोहब्बत अजनबी होकर बड़ी 😞तकलीफ देती है।
फर्क चेहरे की 😛हँसी, पर सिर्फ इतना सा पाते है, पहले 😞आती थी अब 😭लाते है।
तुम भी कर के देख लो 🖤मोहब्बत किसी से, जान जाओगे कि हम 😞मुस्कुराना क्यों भूल गए।
न करना भरोसा इस दुनिया में किसी पर, मुझे तबाह करने वाला मेरा बड़ा अजीज़ था।
मेरे ✋हाथों से मेरी तकदीर भी वो 😥ले गया, आज अपनी आखिरी 😭तस्वीर भी वो ले गया।
एक ये ख्वाहिश के कोई 💔ज़ख्म न देखे दिल का, एक ये हसरत कि कोई देखने 😣वाला तो होता।
🧞♂️चिराग ☺️खुशियों के कब से बुझाए बैठे हैं, कब 😘दीदार होगा उनसे हम आस लगाए बैठे हैं, हमें 🔪मौत आएगी उनकी ही बाहों में हम मौत से ये 😍सर्त लगाए बैठे हैं।
तेरी 👩❤️👨आवाज़ तेरे रूप की पहचान है, तेरे दिल की धड़कन में 💗 दिल की जान है, ना सुनूं जिस दिन तेरी बातें, लगता है उस 😍रोज़ ये जिस्म बेजान है।
जहर से खतरनाक है यह 💕मोहब्बत, जरा सा कोई चख ले तो मर मर के 😍जीता है।
कौन सा अंदाज़ है ये तेरी 💗महोब्ब्त का, ज़रा हमको भी समझा दे 🔪मरने से भी रोकते हो और 😊जीने भी नहीं देते।
घर से बाहर वो नक़ाब मे निकली, सारी गली उनकी फिराक मे निकली, इनकार करते थे वो हमारी 💖मोहब्बत से, ओर हमारी ही 🖼तस्वीर उनकी 🗞किताब से निकली।
कोई तो इन्तहा होगी मेरे 💖प्यार की खुदा, कब तक देगा तू इस कदर हमें 😓सजा, निकाल ले तू इस जिस्म से 🔪जान मेरी, या मिला दे मुझ को मेरी 😍दिलरुबा।
जब खामोश 👀आँखो से बात होती है, ऐसे ही 💜मोहब्बत की शुरुआत होती है, तुम्हारे ही 😊ख़यालो में खोए रहते हैं, पता नही कब 😍दिन और कब रात होती है।
रुका हुआ है अज़ब ⛅️धूप-छाँव का मौसम, गुजर रहा है कोई ❤️दिल से 😍बादलों की तरह।
की है कोई हसीन खता हर खता के साथ, थोड़ा सा प्यार भी मुझे दे दो सज़ा के साथ।