उम्मीद की हस्ती को कोई डुबा नहीं सकता, 💡रौशनी का दीया कोई बुझा नहीं सकता, हमारी 👬दोस्ती है 🏰ताजमहल की तरह, जिसे कोई दोबारा बना नहीं सकता। - dosti shayari

उम्मीद की हस्ती को कोई डुबा नहीं सकता, 💡रौशनी का दीया कोई बुझा नहीं सकता, हमारी 👬दोस्ती है 🏰ताजमहल की तरह, जिसे कोई दोबारा बना नहीं सकता।

dosti shayari

Releted Post