रोने की सज़ा न रुलाने की सज़ा है; ये दर्द मोहब्बत को निभाने की सज़ा है, हँसते हैं तो आँखों से निकल आते हैं आँसू ये उस शख्स से दिल लगाने की सज़ा है। - dard bhari shayari

रोने की सज़ा न रुलाने की सज़ा है; ये दर्द मोहब्बत को निभाने की सज़ा है, हँसते हैं तो आँखों से निकल आते हैं आँसू ये उस शख्स से दिल लगाने की सज़ा है।

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